सोना कितना ही महंगा हो जाए, लेकिन गहनों के प्रति हमारा प्यार कभी कम नहीं हो सकता। आसमान छूते भावों को देखकर ज्वैलर्स ने अपनी रणनीति में ऎसा बदलाव किया कि ग्राहक का मन भी रह जाए और उसकी जेब पर ज्यादा असर भी नहीं पड़े। इसी बदलाव का एक नतीजा यह है कि अब ज्वैलर्स ने डिजाइन का आकर्षण बरकरार रखते हुए गहनों का वजन कम कर दिया है, ताकि इनकी कीमत ग्राहकों के बजट में समा सके। इसके साथ ही रूबी, पन्ना, मोती जैसे कलर स्टोन से बने गहनों का चलन भी बढ़ा है, जो हीरे से बने आभूषणों की तुलना में करीब 25 फीसदी सस्ते हैं। कुंदन जड़ाऊ, पोल्की ज्वैलरी और पर्ल का कलेक्शन महिलाओं के ज्वैलरी प्रेम को और भी बढ़ा रहा है।
ज्वैलरी को लेकर यह आकर्षण न सिर्फ मिड एज महिलाओं में मिलता है, बल्कि अब टीनएजर लड़कियो में भी यह अट्रेक्शन नजर आ रहा है। सोने के गहनों की तुलना में ब्लैक चांदी से बनी ज्वैलरी का क्रेज ऑफिस जाने वाली महिलाओं में बढ़ा है। ज्वैलर्स का कहना है कि इस साल हीरे-मोती से बनी ज्वैलरी का चलन बढ़ा है, जो पिछले साल बिलकुल नहीं था। साथ ही, हीरे के दाम में 15 फीसदी तक कमी आने के बावजूद इसकी तुलना में कलर स्टोन जेवर की मांग बढ़ी है। सफेद हीरे की तुलना में रूबी और पन्ने से बनी ज्वैलरी की मांग ज्यादा है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फैडरेशन का कहना है कि सोने में पैसा लगानेवाले तो काफी मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन सोने के बढ़ते दामों ने ज्वैलरी एक्सपोर्टरों का मुनाफा कम कर दिया है। घटते मार्जिन से बचने के लिए ज्वैलरी एक्सपोर्टर अब नए तरीके आजमा रहे हैं। सोने के आसमान छूते भाव ने ज्वैलरी एक्सपोर्टरों के मुनाफे की हालत पतली कर दी है। जहां 6 महीने पहले ज्वैलरी एक्सपोर्टर 15 फीसदी मुनाफे पर काम करते थे, अब वो घटकर 5 फीसदी से भी नीचे आ गया है। मुंबई में पी.के. ज्वैलर्स के पीयूष मिश्रा का मानना है, हालांकि यह सच है कि सोने की मांग कभी कम नहीं होगी, फिर भी डिजाइनर इन ज्वेलरीज को नया लुक दे रहे हैं। रूबी का प्रयोग जब हीरे की ज्वैलरी में किया जाता है, तो उसकी चमक और बढ़ जाती है। डायमंड ज्वैलरी में सिल्वर टच देखने को मिल रहा है। बहुत स्टाइलिश सेट्स और पैंडेंट्स के साथ विभिन्न डिजाइनों में चेन उपलब्ध हैं, इनमें मोती का काम पसंद किया जा रहा है। हीरे की ज्वैलरी ने कलर स्टोन और क्रिस्टल के कॉम्बिनेशन के साथ अपना वर्चस्व कायम किया है। वजह साफ है कि आज महिलाएं सॉफिस्टकेटेड लुक चाहती हैं। बड़े-बड़े कटवर्क वाले स्टोन जड़े आभूषण देखने को मिल रहे हैं। हीरे आज लेटेस्ट फैशन ट्रेंड बन गए हैं। ज्वैलरी डिजाइनर संजीव मंगल कहते हैं कि आजकल डायमंड सबसे अधिक चलन में है। चाहे वह राउंड कट हो या फिर ओवल, हार्ट शेप या रेडिएंट। बढ़ती लोकप्रियता के कारण डायमंड ज्वैलरी के अंगूठी, पैंडेंट और टॉप्स जैसे आभूषण इस रेंज में उपलब्ध होने लगे हैं कि मध्यवर्गीय ग्राहक भी इन्हें खरीद सके। आभूषणों की यह रेंज 20-50 वर्ष की महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इनमें परंपरा और आधुनिकता के साथ कीमती रंगीन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, इनमें पिंक सफायर, एमरेल्ड , रूबीज, ब्लू टोपाज और सी पर्ल खास हैं। डायमंड पहनने का क्रेज अब महिलाओं में ही नहीं, बल्कि लड़कियों में भी खूब जोर पकड़ रहा है। तभी उनका दिल अब सोने-चांदी को छोड़ डायमंड की रिंग या ब्रेसलेट पर अटक गया है। कीमत में यूं तो डायमंड लाखों तक जाता है लेकिन आप सीमित बजट में भी डायमंड पहनने की ख्वाहिश को पूरा कर सकते हैं। पार्टी के लिए तैयार अवंतिका से जब गहनों की बात छेड़ी तो वे कहने लगीं, किसी शादी या समारोह में जाने के लिए अगर आप ने भारी बनारसी या कांजीवरम साड़ी पहनी है, तो सिर्फ सोने की ज्वैलरी पहनने के बजाय कुंदन की ज्वैलरी पहनें। यह साड़ी में मौजूद हर रंग के साथ मैच करेगी। हल्की शिफॉन या जॉर्जेट की साड़ी के साथ स्वरोस्की और क्रिस्टल ज्वैलरी पहन सकती हैं। या फिर ब्लाउज के साथ पर्ल, डायमंड, क्रिस्टल या कलर्ड स्टोंस का आर्मलेट पहन कर ज्यादा खूबसूरत दिख सकती हैं। सिल्क की साड़ी के साथ गले में छोटा-सा सुंदर पैंडेंट और लंबा मंगलसूत्र पारंपरिक के साथ एथनिक लुक भी देगा। परंपरागत और आधुनिक गहनों का बेजोड़ तालमेल बना देगा आपको खास।