By Sakshi Tripathi | Mumbai
एसए ज्वेल्स ब्रांड एसए ज्वेल्स के मंगलसूत्र की मार्केट में उंची पहचान ज्वेलरी संसार की सबसे खूबसूरत जरूरत मानी जाती है। नारी सौंदर्य के क्षेत्र में भी ज्वेलरी की अहमियत है, तो असैट के लिहाज से भी इसकी सबसे अधिक अहमियत है। लेकिन, ज्वेलरी की रैंज में मंगलसूत्र की किसी भी ज्वेलरी के मुकाबले सबसे प्रमुख अहमियत है तथा उसी तर्ज पर मुंबई के ज्वेलरी मार्केट में मंगलसूत्र के मामले में एसए ज्वेल्स की बहुत खास अहमियत है। अपनी इसी खास अहमियत को लेकर एसए ज्वेल्स बेहद सचेत है। सचेत इसलिए, क्योंकि ज्वेलरी के बाजार में ताज बदलते देर नहीं लगती। अआज कोई सरताज है, तो कल कोई और। इसलिए अपना ताज बचाए रखने के लिए मंगलसूत्र की क्वालिटी, फिनिशिंग, डिजाइंस, और बाजार की डिमांड के अनुरूप बदलते मिजाज को भी मेंटेन रखना होता है और इस मामले में विमल जैन और अशोक जैन ने अपने व्यावसायिक चातुर्य तथा मेहनत के बलबूते पर एसए ज्वेल्स को बेहद सावधानी के साथ उच्च स्तरीय साख वाली ब्रांड बनाए रखा है। इसीलिए आज बाजार में एसए ज्वेल्स एक प्रतिष्ठित ब्रांड है और ब्रांड एसए ज्वेल्स के मंगलसूत्र की मार्केट में काफी सम्मानित व उंची पहचान है।
आज के दौर में किसी भी ब्रांड को जो जगह हासिल है, उसे बचाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। परंतु, एसए ज्वेल्स की बात की जाए, तो ज्यादातर कस्टमर कहते हैं कि उनके मंगलसूत्र के डिजाइन की तो आज के समय में बाजार में और डिजाइन कहीं नहीं मिलते। एसए ज्वेल्स में हर रैंज के हर वजन के हिसाब से सैकड़ों मंगलसूत्र डिजाइन देखने को मिलते हैं, यही एसए ज्वेल्स की सबसे बड़ी अहमियत हैं, तथा इसी के बलबूते पर बाजार में ब्रांड एसए ज्वेल्स की मंगलसूत्र में अलग पहचान है, जिसके पीछे विमल जैन और अशोक जैन की कड़ी मेहनत का कमाल है। ज्वेलरी मार्केट के कुछ महत्वपूर्ण लोगों की नजर में एसए ज्वेल्स को जबरदस्त प्रसिद्धि मिली, सन 2004 के आईआईजेएस एग्जीबिशन में। द जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा हर साल भारत में इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आइआइजेएस) का आयोजन किया जाता है। इसी आइआजेएस एग्जीबिशन में एसए ज्वेल्स द्वारा प्रदर्शित गोल्ड के ब्लाउज को हजारों लोगों ने देखा, और जिन्होंने देखा, तो वे दंग रह गए कि ऐसा क्रियेशन भी हो सकता है। उसी अचंभित अंदाज में इस गोल्ड ब्लाउज के दर्शकों ने उसके फोटो दुनिया भर में शेयर किए, तो पूरी दुनिया भर में मंगलसूत्र निर्माता एसए ज्वेल्स के क्रिएशन लाखों लोगों की सराहना के पात्र बने। आज आलम यह है कि एसए ज्वेल्स हर साल 4-5 एग्जीबिशन में अपनी ज्वेलरी एग्जिबीट करते है, और हमेशा से वे हर बार ज्वेलरी के मामले में और खासकर मंगलसूत्र के क्षेत्र में कुछ न कुछ नया प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।
दरअसल, मंगलसूत्र के जरिए एसए ज्वेल्स बाजार में एक ब्रांड के रूप में तो मशहूर हो गया, लेकिन सब जानते हैं कि आज जो दिख रहा है, वह ब्रांड एसए ज्वेल्स बनना इतना आसान नहीं था। इतिहास में जाएं, तो देश की आजादी दौर में, 40 – से 50 के दशक में लगभग 80 वर्ष पूर्व मुंबई के डोंगरी इलाके में फुटरमल जैन द्वारा शेलाजी आशाजी के नाम से गोल्ड व सिल्वर की ज्वेलरी एक छोटी सी दुकान के रूप में रिटेल व्यवसाय की शुरुआत की गई थी। जो धीरे धीरे लोगों में अपनी साख जमाती हुई आगे बढ़ रही थी। वह अलग दौर था, तब ना तो बाजार इतना बड़ा था और ना ही लोगों की महत्वाकांक्षाएं इतनी अधिक थी, जितनी आज के दौर में देखने को मिलती है। उस जमाने में और बाद के दिनों में भी डोंगरी इलाके में गोल्ड व सिल्वर की ज्वेलरी के क्षेत्र में शेलाजी आशाजी का नाम काफी प्रतिष्ठा से लिया जाता था। बाद की कहानी देखें, तो विमल जैन ने 1998 में डोंगरी से निकलकर झवेरी बाजार स्थित धनजी स्ट्रीट में एसए ज्वेल्स की स्थापना करके ज्वेलरी सेल्स की शुरूआत की, जहां पर खास तौर से मंगलसूत्र की मैन्युफैक्चरिंग और होलसेल ट्रेडिंग की शुरुआत हुई। अपने अनुभव, मेहनत, और हर प्रोडक्ट की क्वालिटी के दम पर एसए ज्वेल्स ने मुंबई ही नहीं पूरे देश में बहुत ही कमसमय में अपने मंगलसूत्रों को काफी ऊंचाई बख्श कर बाजार में अपनी बड़ी जगह बना ली। विमल जैन द्वारा एसए ज्वेल्स शुरू करने के कुछ वर्षों बाद ही अशोक जैन भी एसए ज्वेल्स से जुड़ गए और अपने नवीनतम आइडियाज के जरिए मंगलसूत्र के हर प्रोडक्ट की गुणवत्ता को नई ऊंचाई दी और बिजनेस की बढ़ोतरी में भी अपनी स्किल का जमकर उपयोग किया, तो आज एसए ज्वेल्स का नाम बाजार में काफी इज्जत से लिया जाता है।वे कहते हैं कि मंगलसूत्र एक ऐसी भारतीय पारंपरिक ज्वेलरी है जिसे हर विवाहित महिला पहनना पसंद करती है, तथा जो नहीं पहनती, वो अपने पास खरीद कर जरूर रखती है, ताकि यदा – कदा पहनकर वो मंगलसूत्र के द्वारा अपने सुहागिन होने की शोभा बढ़ा सके। विमल जैन कहते हैं कि बदलते समय के साथ मंगलसूत्र को पहनने के तरीके भी बदल गये हैं और कई तरह के डिजाइन और वैरायटी के मंगलसूत्र बाजार में उपलब्ध होने लगे हैं, तो हम भी बाजार की डांड के साथ ही कदम बढ़ाकर मार्केट डिमांड के मंगलसूत्र बना रहे हैं। आजकल शहरी व पढ़ी लिखी महिलाओं को डेली वियर के तौर पर केवल लाइट वेट और यूनिक डिजाइन पसंद आते हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में अभी भी भारी भरकम मंगलसूत्र पहनने का चलन है। हालांकि किसी अनहोनी घटना की संभावना के कारण अब भारी मंगलसूत्र पहनने का चलन गांवों में भी तेजी से घट रहा है और 5 से 10 – 12 ग्राम तक के मंगलसूत्र ही चलन में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। एसए ज्वेल्स में सभी तरह के मंगलसूत्र बनाए जाते हैं, जिसमें एंटीक मंगलसूत्र, टेम्पल मंगलसूत्र, फैंसी मंगलसूत्र, कलकत्ती मंगलसूत्र, राजकोट मंगलसूत्र, साउथ इंडिया में पसंद किए जानेवाले मंगलसूत्रों के अलावा महाराष्ट्र में पसंद किए जाने वाले हर तरह के मंगलसूत्र भी बनाये जाते है।
अपने कुछ ऐसे ही बेहतरीन डिजाइन के मंगलसूत्र बताते हुए वे कहते हैं कि हम इस तरह से शानदार डिजाइन बनाते हैं जो, हर किसी को लुभाते हैं और जिन्हें महिलाएं डेली वियर के तौर पर पहन सकती हैं। विमल जैन कहते है कि कोई भी बिजनेस केवल कमिटमेंट पर आधारित होता है। जो कहा वो करना ही होगा। यही मानकर शुरू से ही हमारी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं रहा और आगे भी नहीं रहेगा। क्योंकि हम जानते हैं कि कस्टमर नहीं तो व्यापार नहीं, और बहुत मेहनत करके भी कोई अगर कस्टमर जुटा लेता है, और अगर उसे संतुष्ट नहीं रख सकता, तो भी व्यापार नहीं चल सकता। अतः कस्टमर की संतुष्टि ही हमारा मूल ध्येय है। वे बताते हैं कि एसए ज्वेल्स अपनी ज्वेलरी और मंगलसूत्र में क्वालिटी, प्यूरिटी और डिजाइन के मामले में अपने ग्राहकों की हर जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाता है।एसए ज्वेल्स में कस्टमर्स को मंगलसूत्र की बेहद लुभावनी, आकर्षक और दिल को भा जाने वाली एक बहुत ही लंबी रेंज मिलती है, जिनमें से ये चुनें या वो, यह निर्णय करना भी आसान नहीं होता। वे अपने मंगलसूत्र के हर तरह के प्रोडक्ट्स 92 मेल्टिंग में बनाते है। इसमें 3 ग्राम से लेकर 130 ग्राम तक के मंगलसूत्र की पूरी रेंज हर वक्त रेडी स्टॉक में उपलब्ध रहती है। लेकिन अगर किसी कस्टमर को 82 मेल्टिंग में रोज गोल्ड मंगलसूत्र चाहिए, तो वे अपने कस्टमर्स को ऑन डिमांड बनाकर देते है। अब एसए ज्वेल्स समस्त भारत में ज्वेलरी सप्लाई वाली कंपनी मानी जाती है, जिसके मंगलसूत्र देश के लगभग हर प्रदेश में खूब धूम मचा रहे हैं। विशेषकर दक्षिण भारत और और महाराष्ट्र में, जहां पर आवश्यक तौर पर मंगलसूत्र पहनने की परंपरा बहुत पुरानी है। वे बताते हैं कि दक्षिण भारत में जब उनके मंगलसूत्र की डिमांड लगातार तेजी के साथ बढ़ने लगी, तो एसए ज्वेल्स ने बेंगलुरु में 10 वर्ष पूर्व अपनी ब्रांच ओपन की और सन 2020 में पार्थ जैन भी अपने इस पैतृक व्यवसाय के साथ जुड़े और उन्होंने एसए ज्वेल्स को एक कंपनी के तौर पर आगे बढाने और ब्रांड के रूप में मशहूर होने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया। पार्थ जैन नए जमाने की नई सोच के नौजवान हैं, उनका कहना है कि हम जानते हैं कि दुनिया भर में भारतीय ज्वेलरी अपनी विंटेज वैल्यू की उत्तम शैली के लिए जानी जाती है। भारत की इसी शानदार ज्वेलरी परंपरा ने मंगलसूत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। पार्थ कहते हैं कि एसए ज्वेल्स भीगरिमामयी भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मंगलसूत्र की दुनिया में नए कीर्तिमान तय कर रहा है, इसीलिए कस्टमर का हर मुकाम पर काफी संतोषजनक प्रतिसाद मिल रहा है।