Sakshi Tripathi | Mumbai
भारत में सिल्वर की डिमांड बढ़ती जा रही है, इंपोर्ट बढ़ता जा रहा है, और खपत भी बढ़ रही है। ज्वेलरी की सेल बढ़ रही है और उससे बनने वाले आर्टिकल्स की बिक्री भी बढ़ रही है। जब सब कुछ बढ़ रहा है, तो रेट कैसे कम हो सकते हैं। सिल्वर 1 लाख के पार जाता दिख रहा है।सिल्वर खरीदने वालों की भविष्य उज्जवल है। क्योंकि सिल्वर की कीमत आने वाले समय में 1 लाख रुपए प्रति किलो के पार भी जा सकती हैं। मार्केट का जानकार मानते हैं कि अगले साल भर में ही सिल्वर के रेट्स एक लाख के लेवल को छूकर उस से आगे भी जा सकते हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि सिल्वर केवल एक साल भर में ही 30 से 35 फीसदी की कमाई दे सकती है। गोल्ड के साथ चांदी भी इस साल अपनी चमक लगातार बिखेरती जा रही है। सिल्वर ने इस साल 10 प्रतिशत से भी ज्यादा का बढ़ोतरी की है और पिछले साल भर में तो सिल्वर में लगभग 20 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में सिल्वर में यही तेजी बनी रहेगी, क्योंकि सिल्वर की इंडस्ट्रीयल डिमांड में भी लगातार तेजी देखने को मिल रही है।सिल्वर के तेजी से बढ़ने के तथ्य देखें, तो सन 2022 में हमारे देश में सिल्वर डिमांड में कुल 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। भारत ने सन 2022 में कुल लगभग 10 हजार टन चांदी का इंपोर्ट किया, जो कि एक रिकॉर्ड है। गोल्ड व सिल्वर का भविष्य देखें, तो गोल्ड अपने मौजूदा अगले साल भर में 68 से 70 हजार रुपये प्रति दस ग्राम और सिल्वर एक लाख रुपये प्रति किलो पर पहुंचने के आसार हैं।सिल्वर में निवेश लाभदायक है, माना जा रहा है कि सिल्वर आज जहां खड़ा है, उससे आगे अगले एक साल में किस लेवल पर पहुंचे तो, किसी को कोई आश्चर्य नहीं है, लेकिन इतना तय है कि इसमें निवेशकों को नुकसान न के बराबर है, क्योंकि न केवल सिल्वर मार्केट के एक्सपर्ट, बल्कि इनवेस्टमेंट कंसल्टेंट्स भी सलाह दे रहे हैं कि अगले एक साल में चांदी में चांदी ही चांदी है।
हमारे देश में सिल्वर के मुकाबले गोल्ड का ग्लैमर ज्यादा है, लेकिन सिल्वर में कमाई के अवसर ज्यादा होने के कारण भारत में सिल्वर के निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। क्योंकि इसके तेजी से बढ़ते रेट्स निवेश को आकर्षित कर रहे हैं और सिल्वर भी भविष्य की गारंटी का ताकतवर हथियार साबित हो रहा है। आने वाले वक्त में सिल्वर और मजबूत होता दिख रहा है।दुनिया भर के साथ साथ भारत में भी सिल्वर की इंडस्ट्रीयल डिमांड में इस साल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की रिपोर्ट सामने आई हैं। सिल्वर में किए जाने वाले इंवेस्टमेंट में देश में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और सिल्वर ज्वेलरी में 30 और यूटेंसिल्स की डिमांड में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसी से समझा जा सकता है कि बाजार में सिल्वर की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है।दुनिया भर में सिल्वर की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है। भारत में भले ही सामान्य लोगों को केवल ज्वेलरी में ही सिल्वर देखने को मिलता हो, लेकिन दुनिया भर में इसकी बहुत बड़ी खपत इंडस्ट्रियल सेक्टर में बहुत ज्यादा है। वैसे, सामान्य निवेशक गोल्ड के साथ थोड़ा बहुत सिल्वर ज्यादातर सहेजे रखने के लिए खरीदता है, लेकिन कमाई के लिहाज से गोल्ड के मुकाबले सिल्वर ज्यादा श्रेष्ठ है।पिछले दो सालों में दुनिया भर में सिल्वर की डिमांड में तेज हुई है, जिसका कारण है भारत समेत दुनिया भर के देशों में इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल प्लांट आदि की स्थापना में तेजी से बढ़ोतरी। इन सभी में सिल्वर का उपयोग काफी ज्यादा होता है। आने वाले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन, सोलर पैनल आदि में सिल्वर की डिमांड में और इजाफा होगा, यह स्पष्ट है।