आभूषण जहां खूबसूरती बढाने का काम करते हैं वहीं ये समाज में कई बार प्रतिष्ठा दिलाने का भी काम करते हैं और यही वजह है कि सभी आभूषणों के प्रति आकर्षित होते हैं और उसके प्रति अपने खिंचाव को रोक नहीं पाते हैं फिर चाहे बात गोल्ड ज्वेलरी की हो या फिर सिल्वर। इनकी मांग हमेशा बनी रहती है। पर इन दोनो में सिल्वर हमेशा बाजी मार ले जाता है क्योंकि येज्वेलरी के अलावा हमारी परंपराओं से भी जुडा हुआ है। कई बार कई उत्सवोंमें सिल्वर की चीजों की मांग होती है। और उसे शानदार तरीके से सिल्वर हाउस पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करता है और सभी के दिलों में अपनी जगहबना लेता है। सिल्वर हाउस में पारंपरिक से लेकर फैंसी आइटम, ज्वेलरी से लेकर मूर्तियां तक हर चीज मिलती है। इसलिए हर ग्राहक की पहली पसंद सिल्वर हाउस ही कहा जाता है। जब किसी व्यापार की नींव ही उत्पाद की गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टी पर रखी जाती है तो उस व्यापार को हर कदम पर केवल सफलता ही मिलती है और ऐसी ही सफलता सिल्वर हाउस को मिलती है। सिल्वर हाउस की खासियत जहां उनके उत्पाद हैं वहीं उसे चलाने वाले रवि जैन का ग्राहको के प्रति विनम्र और शालीन व्यवहार है। दरअसल रवि को पता है कि किसी भी व्यापार की तरक्की उसके ग्राहकों पर ही निर्भर है यदि ग्राहक खुश है तो व्यापार खुद ब खुद प्रगति करेगा। सिल्वर हाउस की स्थापना राजस्थान के तखतगढ निवासी पुखराज देवीचंद्र जैन ने साल 2002 में की थी, जिसे उनके पुत्र रवि पुखराज जैन चला रहे हैं। 39 वर्ष की युवा उम्र में ही रवि ने सिल्वर हाउस को सफलता की वो उचांईयां प्रदान की जिसे हर व्यापारी पाना तो चाहता है लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जो वहां तक पहुंच पाते हैं। सिल्वर हाउस वैसे तो सिल्वर आर्टिकल्स, सिल्वर पूजा सामग्री, सिल्वर बर्तन, 925 सिल्वर आर्टिकल्स आदि बनाता है। लेकिन इसकी एंटिक शानदार डिजाइन सिल्वर हाउस की खासियत है। सिल्वर हाउस के रेडी स्टॉक पूरे भारत में सप्लाई होता है। लेकिन दक्षिण भारत में विशेष रूप से इसकी मांग है। यहां पर ग्राहकों की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाता है और उनकी मांग के अनुसार भी चीजें बनाई जाती हैं। सच ये है कि रवि बहुत ही कुशल व्यापारी हैं जो व्यापार की सभी बारीकियों का ध्यान रखते हुए व्यापार करते हैं। इनकी कोशिश रहती है कि हर ग्राहक संतुष्ट होकर जाए और अपनी इस कोशिश में ये कामयाब भी रहते हैं।