IIJS: देश के सबसे बड़े ज्वेलरी शो, आइआजेएस प्रीमियर – 2025 में ज्वेलरी (Jewellery) के शानदार ऑर्डर की आई तेज सुनामी ने बीते लगभग तीन महीने के बिक्री के अकाल को सुकाल में बदल दिया है। सिर्फ़ दो-तीन दिनों में, (IIJS Premier- 2025) में ज्वेलरी एग्जिबिटर्स ने एक सुस्त और हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने जैसे ठंडी खरीदारी वाले सीज़न को एक फलते-फूलते, ऊर्जावान बाज़ार में बदल दिया। मुंबई में छह दिनों तक चले इस ज्वेलरी शो के दौरान अनुमान है कि 70 हजार करोड़ रुपये से 90 हजार करोड़ रुपये के बीच का कारोबार हुआ, जो आइआजेएस प्रीमियर (IIJS Premier) के किसी भी पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत ज़्यादा था। द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) द्वारा आयोजित आइआइजेएस प्रीमियर – 2025 ज्वेलरी एग्जिबिशन में 2,500 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों सहित 55 हजार अद्वितीय आगंतुकों की भारी संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ बिक्री का सफलतम नेत़ृत्व किया।
इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो प्रीमियर 2025 के 41वें संस्करण का 30 जुलाई को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में शानदार आगाज हुआ। इस भव्य उद्घाटन समारोह में उद्योग जगत के दिग्गज, सरकारी गणमान्य व्यक्ति और अंतर्राष्ट्रीय साझेदार मौजूद थे, जिसने इस साल के सबसे प्रभावशाली व्यापार मेलों में से एक की शुरुआत का संकेत दिया। जीजेईपीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, तथा विशिष्ट अतिथि अलरोसा के सीईओ पावेल मारिनिचव और टाइटन कंपनी लिमिटेड के ज्वेलरी डिवीजन के सीईओ अजय चावला उपस्थित थे। इस अवसर पर जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष शौनक पारीख, जीजेईपीसी के नेशनल एग्जिबिशन संयोजक नीरव भंसाली और जीजेईपीसी के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रे भी उपस्थित थे। इस पूरे ढह दिनों में दोनों स्थानों, जेडब्ल्यूसीसी और बीईसी के खचाखच भरे गलियारे यह साबित करते रहे कि आईआईजेएस प्रीमियर रत्न और ज्वेलरी उद्योग का बेजोड़ शो है।

सलेक्ट क्ल्ब की शान ही अलग
सेलेक्ट क्लब 118 ज्वेलरी एग्जिबिटर्स और उच्च-स्तरीय ज्वेलरी के एक शानदार संग्रह साबित हुआ, – जहां बोल्ड डिजाइन, रंगीन रत्न और वैश्विक संवेदनशीलता केंद्र में रहीं। बड़े कैरेट के रत्न और डायमंड कई कलाकृतियों के नायक थे, जबकि बनावट वाली धातुओं को प्रमुखता मिली। रत्न-सेटिंग और कस्टम-कट रत्न एक और क्षेत्र थे जिन पर कई ज्वेलरी एग्जिबिटर्स ने विषयगत संग्रहों की कथा को समर्थन देने के लिए भरोसा किया।
प्रीति भाटिया द्वारा डिज़ाइन किए गए ऑसम स्पार्कलर्स में डायमंड और माणिक्य से बना एक हार प्रदर्शित किया गया था, जिसे उलटी सेटिंग में जड़ा गया था। माणिक्य और पीले नीलम से सजी दो अंगुलियों वाली गोल्ड की पत्तीदार अंगूठी, जो उलटी सेटिंग में थी, ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
इंटरजेम एक्सपोर्ट्स ने विभिन्न कट्स वाले अफ़्रीकी ओपल की ओर ज़्यादा ध्यान दिया। इयर स्टड्स, डैंगलर्स और पेंडेंट नेकलेस के कलेक्शन में मार्कीज़, राउंड, कैबोकॉन्स वगैरह सहित विभिन्न कट्स वाले ओपल लगे थे। इन ज्वेलरी को आकर्षक रंगीन हीरों से सजाया गया था। एक समकालीन झूमर (शैंडेलियर) 24 कैरेट के ओपल और हीरों से जड़ा हुआ था।
सेवियो ज्वेलरी के सह-संस्थापक अभिषेक सांड ने बताया कि उनका नवीनतम नवरत्न कलेक्शन असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम जिस अनिश्चित युग में जी रहे हैं, उसकी पृष्ठभूमि में ज्योतिषीय महत्व से प्रेरित, नौ ग्रहों से जुड़े नौ रत्नों से जड़ित ज्वेलरी का सेट खासा आकर्षण का केंद्र रहा। सिंगल चेन और लीनियर इयररिंग्स से लेकर ब्रेसलेट और चोकर तक, 1 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की रेंज स्पष्ट रूप से विजेता रही।” सवियो के सह-संस्थापक व निदेशक आशीष सांड ने कहा, “आईआईजेएस वह जगह है जहाँ बेहतरीन ज्वेलरी के सपने साकार होते हैं और माँग देखकर हम अभिभूत हैं क्योंकि यह हमारी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा है। इस साल, हमें मध्य पूर्व क्षेत्र से भी काफी ग्राहक मिले हैं। इस अद्भुत आयोजन के लिए टीम को बधाई।”
पीसमून ट्रेडर्स के कायवन तासवाला ने बताया कि इस बार खरीदार ज़रूरत से ज़्यादा सामान नहीं खरीद रहे हैं, जो एक अच्छा संकेत है। उन्होंने बताया कि उनके महंगे डायमंड के ज्वेलरी की सबसे लोकप्रिय रेंज 5 से 10 लाख रुपये के बीच थी। उन्हें नाशपाती के आकार की आकृति और सफ़ेद फैंसी-कट डायमंड जड़े प्राकृतिक पीले ब्रियोलेट हीरों से जड़े उनके अनोखे ड्रॉप-आकार के ईयर स्टड की भारी माँग देखने को मिली। 7 लाख रुपये की कीमत वाले इन ईयर स्टड में कुल 14 कैरेट डायमंड जड़े थे। अन्य श्रेणियां जो प्रचलन में थीं, उनमें दो और तीन अंगुलियों वाली अंगूठियां, डिजाइनर कान के कफ और हथेली के कफ, तथा निश्चित रूप से डायमंड और रत्नों से बने ट्रेंडिंग लाबुबू (खिलौना राक्षस कल्पित बौने) सामान शामिल थे। रत्नों के विविध रंगों से सजे उत्तम ज्वेलरी भी चलन में थे।
गोलेचा ज्वेल्स के विजय गोलेचा ने कहा कि उनकी तीनों श्रेणियां – ब्राइडल, 18 कैरेट गोल्ड ऑक्सीडाइज़्ड गोल्ड कलेक्शन और एक अंतर्राष्ट्रीय लाइन – बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। “हमने अपने कलेक्शन को विभिन्न प्रकार के रत्नों से रंगा है, जिनमें मॉर्गनाइट, रोज़ क्वार्ट्ज़, फ़िरोज़ा, रूबेलाइट, एमेथिस्ट, ओपल, कोरल, टूमलाइन और अन्य शामिल हैं।”
गोल्ड ज्वेलरी को जबरदस्त प्रतिसाद
गोल्ड लगभग 1 लाख के 2 हजार से भी ज्यादा महंगा होने के बावजूद आईआईजेएस प्रीमियर – 2025 के हर सहभागी ज्वेलर के चेहरे पर खुशी दिखी क्योंकि गोल्ड ज्वेलरी धड़ल्ले से बिकती दिखी। देश भर से आए गोल्ड ज्वेलर्स के बायर्स ने ज्वेलरी की जबरदस्त खरीदी की और आगे के लिए भी एडवांस में ऑर्डर बुक किए तथा पिछले कुछ वक्त से मुरझाए ज्वेलरी बाजार को नए उत्साह से भर दिया। भारतीय ज्वेलरी उद्योग के इस प्रमुख ज्वेलरी शो आइआइजेएस प्रीमियर – 2025 में मुंबई के कई प्रमुख ज्वेलर्स ने सहभागिता करके अपने व्यापार को नई ऊंचाऊ देने के प्रयास किए। मुंबई के प्रमुख भारतीय ज्वेलरी ब्रांड्स में यूनिक चेन्स, स्वर्णशिल्प, रॉयल चेन, अंसा ज्वेलर्स, ब्रह्मांड, मंगलमणि, शांति गोल्ड, श्रंगार हाउस ऑफ मंगलसूत्र, चेन्स कॉर्नर, शाइन शिल्पी, फॉरएवर ज्वेल्स, मास्टर चेन्स की ज्वेलरी को खूब सराहना मिली।
गोल्ड के मोर्चे पर, आनंद शाह के पास दुल्हन के परिधानों के विविध संग्रह थे – रंगीन रत्नों से सराबोर सेटों से लेकर थेवा सेट और गोल्ड की बनावट से सजे कुछ अनोखे ज्वेलरी , जिनमें अंडाकार गोल्ड के साटन-फिनिश रूपांकनों से सजा एक सिंगल-लाइन नेकलेस और प्राचीन गोल्ड के पिंजरों में जड़े नीले नक्काशीदार रत्न शामिल थे। “शो के पहले दिन से ही हम काफी व्यस्त रहे हैं और हमें सभी क्षेत्रों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। खरीदार 40 से 125 ग्राम के बीच के सेट की तलाश में हैं। शो में थेवा हमारा सबसे ज़्यादा मांग वाला संग्रह रहा है।”
हरितसंस डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के अभिषेक हरितवाल ने कहा, “पिछले दो दिनों से लगातार आगंतुकों का स्वागत हो रहा है। आर्ट डेको और विक्टोरियन संवेदनाओं के साथ मुगल प्रभावों से युक्त हमारा संग्रह स्पष्ट रूप से विजेता रहा है। इस शो के लिए, हमने 300 अनूठी कलाकृतियाँ बनाई हैं और हमें खुशी है कि प्रतिक्रिया शानदार रही है।”

नक्षत्र गोल्ड के निरंजन परिहार कहते हैं कि भारतीय ज्वेलरी उद्योग को वैश्विक मंच पर चमकाने में द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के इस शो, आईआईजेएसप्रीमियर ने एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा बाजार की मायूसी के दौर किया है। परिहार कहते हैं कि जीजेईपीसी का लक्ष्य सन 2030 तक भारत के ज्वेलरी निर्यात को अगर 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है, तो इस शो की सफलता को देख कर यह लक्ष्य जरूर मिलेगा, क्योंकि इस बार के शो की सफलता से यह साफ दिख रहा है। परिहार ने आइआइजेएस शो में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के इंडिया सीईओ सचिन जैन से भी मुलाकात की। परिहार से बातचीत में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सचिन जैन ने कहा कि भारत में गोल्ड की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुँच गई हैं जिससे गोल्ड में लोगों का विश्वास और मज़बूत हुआ है। उन्होंने कहा कि आइआइजेएस ने वैश्विक ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए एक शीर्ष बीटूबी प्लेटफ़ॉर्म के रूप में अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है। ज्वेलर्स में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देकर, जीजेईपीसी व्यापार के अवसरों को बढ़ाकर और उद्योग को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाकर भारत के स्वर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में सहयोग का काम करती है।
जड़ाऊ ज्वेलरी का जलवा
ज्वेल गोल्डी के निदेशक जितेंद्र जोधानी ने शो को मिली प्रतिक्रिया की सराहना की। “खरीदार हीरों में अपना विश्वास जता रहे हैं और यह बहुत ही स्वागत योग्य बात है। हमने शो के लिए कई अलग-अलग उत्पाद पेश किए हैं, जो आपको दिन से रात तक का सफ़र तय करने में मदद कर सकते हैं। 5 लाख रुपये तक के हल्के ज्वेलरी को शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।”
वीर ज्वेल्स के मालिक वैभव ढड्डा ने कहा, “जैसा कि अपेक्षित था, IIJS 2025 एक बार फिर अपनी प्रतिष्ठा पर खरा उतरा है। हल्के, रोज़ाना पहनने वाले ज्वेलरी के साथ-साथ अनोखे और अनोखे ज्वेलरी की भी अच्छी मांग है। रंगीन पत्थरों और हीरों के क्षेत्र में, पारंपरिक 18 कैरेट गोल्ड की तुलना में 14 कैरेट गोल्ड की स्वीकार्यता बढ़ रही है।” कीमतों के लिहाज से, 3 लाख रुपए से कम कीमत वाले डिज़ाइनों की अच्छी मांग देखी जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि टियर 2 और 3 शहरों के ज्वेलर्स ने टियर 1 शहरों के ज्वेलर्स की तुलना में ज़्यादा उत्साह और संभावना दिखाई है।
हाउस ऑफ़ स्पर्श की क्रिएटिव डायरेक्टर हेमा शाह ने कहा कि मां-बेटी के लिए ट्विनिंग ज्वेलरी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। “जेन ज़ेड ऐसे ज्वेलरी पसंद करती है जो भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ते हों। उनके लिए जुड़ाव बहुत ज़रूरी है और 2 लाख रुपये से 7 लाख रुपये के बीच के ज्वेलरी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। जिन रत्नों की अच्छी बिक्री हुई, वे थे कुन्ज़ाइट, टूमलाइन और टैनज़ाइट
पार्थ फाइन ज्वेल्स के मालिक, विशाल जरीवाला ने बताया कि 8 से 15 कैरेट के बीच के ब्राइडल ज्वेलरी में काफ़ी आकर्षण देखा गया। उन्होंने कहा, “हमने कम कैरेट के हीरों में भी शानदार लुक पेश किया क्योंकि हम तीन अलग-अलग बजट में एक ही डिज़ाइन तैयार कर सकते हैं, वो भी बिना किसी सौंदर्य और गुणवत्ता से समझौता किए।”
राज डायमंड्स के मैनेजिंग पार्टनर, ऋषि पुनमिया ने कहा, ” ज़्यादातर ग्राहक कम बजट में भव्य लुक या अच्छी क्वालिटी के ज्वेलरी चाहते हैं। हमारी ज्वेलरी बिल्कुल वैसी ही है। हमने कम बजट में बड़े और भव्य दिखने वाले नेकलेस सेट बनाए हैं, जिनमें डायमंड का वज़न कम है और गोल्ड का वज़न भी कम करने के लिए 14 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल किया गया है।”
ज़ुंडा की तोशिबा जरीवाला ने कहा कि इस साल का शो वाकई पिछले कुछ सालों से कहीं बेहतर रहा। “हमारे यहाँ ग्राहकों की अच्छी संख्या रही और आने वाले महीनों में भी सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है। मुझे लगता है कि ग्राहक गोल्ड की नई कीमतों के साथ तालमेल बिठा चुके हैं।” ज़ुंडा ने 18 कैरेट गोल्ड और हीरों से बना एक डिज़ाइनर लाइटवेट कलेक्शन पेश किया था, जिसकी कीमत 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक थी, जिसे गुजरात, हैदराबाद और भारत के पश्चिमी हिस्सों से आए नए ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
सिल्वर की चमक निखर रही है
सिल्वर को नया गोल्ड कहा जाने लगा है – और 1.20 लाख प्रति किलो की कीमत पर, इस बहुमूल्य धातु को शो में काफी खरीदार मिले।
सिल्वर एम्पोरियम के प्रबंध निदेशक, राहुल मेहता ने बताया, “IIJS शो असाधारण रहा, खासकर सिल्वर के ज्वेलरी , एक्सेसरीज़ और छोटे त्योहारी उत्पादों में गहरी दिलचस्पी देखने को मिली। हमने कई नई कंपनियों और व्यक्तियों में सिल्वर के खुदरा उद्यम स्थापित करने के अवसरों की तलाश में उल्लेखनीय उत्साह देखा। एक श्रेणी के रूप में सिल्वर के तेज़ी से विस्तार और बढ़ते महत्व को देखते हुए, हम GJEPC से आग्रह करते हैं कि वह IIJS प्रीमियर शो में सिल्वर पर विशेष ध्यान केंद्रित करे और प्रदर्शनी स्थल के लिए अधिक स्थान आवंटित करे। वर्तमान सीमित स्थान आवंटन इस श्रेणी की क्षमता का पूरा लाभ नहीं उठा पाता है।”

एडीएस ब्रांड से मशहूर आनंद दर्शन सिल्वर के चेयरमेन मनोज शोभावत पिछले कई सालों से आइआइजेएस में भाग ले रहे हैं। शोभावत ने द ज्वेल ट्रेड्स को बताया कि इस बार के आइआइजेएस में, उन्हें देश के हर इलाके से काफ़ी पूछताछ मिल रही है और ब्क्रिी भी शानदार रही। शोभावत कहते हैं कि सिल्वर की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, ज्वेलर ज्वेलरी के खरीदार इस मेटल पर ज़्यादा भरोसा दिखा रहे हैं और सिल्वर मेंगिफ्ट आइटम्स व ड्रॉइंग रूम में सजावट व प्रदर्शन वगैरह की सिल्वर आइटम के ऑर्डर भी लोगों को खूब मिले हैं। शोभावत ने कहा कि आइआइजेएस में ज़्यादा बड़े स्पेस व प्रॉमिनेंट लोकेशन की हमें सख्त ज़रूरत है क्योंकि हम इस शो में अपने सिर्फ़ 10% ज्वेलरी प्रोडक्ट्स ही प्रदर्शित कर पा रहे हैं। देश में आनंद दर्शन सिल्वर का बड़ा नाम है तथा मुंबई में सिल्वर ज्वेलरी के मामले में उनका कोई सानी नहीं है।
मां सिल्वर के निदेशक गौरव जैन भी पिछले 8 सालों से IIJS में भाग ले रहे हैं और उन्होंने सॉलिटेयर को बताया कि उन्हें टियर 2 और टियर 3 शहरों से काफ़ी पूछताछ मिल रही है। “सिल्वर की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, खरीदार इस धातु पर ज़्यादा भरोसा दिखा रहे हैं और उपहार की वस्तुओं, पानी की बोतलों जैसे उपयोगी उत्पादों, घरेलू सामान वगैरह के ऑर्डर बुक कर रहे हैं। हमें ज़्यादा बूथ स्पेस की ज़रूरत है क्योंकि हमने शो में अपने सिर्फ़ 5% उत्पाद ही प्रदर्शित किए हैं।”
मैना पायल के मालिक अनिल सोनी ने बताया कि उनकी कंपनी 15 साल पुरानी है और उन्होंने पिछले 5 सालों से IIJS में भाग लेना शुरू किया है। “हम अपने राज्य में स्थानीय स्तर पर जाने जाते थे, लेकिन IIJS ने हमें दूसरे राज्यों के खरीदारों के बीच भी काफी पहचान दिलाई है। IIJS की बदौलत हमारे हॉलमार्क वाले ज्वेलरी की बिक्री में 400% तक की वृद्धि हुई है। अगर हमने यह कदम नहीं उठाया होता, तो हम इतनी तेज़ी से कभी नहीं बढ़ पाते।”
फाइव फिंगर हैंडीक्राफ्ट्स के प्रोपराइटर रिंकू चौधरी ने बताया कि उनकी कंपनी पांचवीं बार आईआईजेएस शो में भाग ले रही है और उन्हें हॉलमार्क वाले सिल्वर के घरेलू सजावट के सामान के लिए पूरे भारत से ऑर्डर मिल रहे हैं।

कलर स्टोन्स के खिलते रंग
आरएमसी जेम्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष निर्मल बर्डिया ने कहा, ” तीन महीनों की शांति के बाद, मेरा मानना है कि अगले चार से पांच महीने इसकी भरपाई कर देंगे, खासकर त्योहारों और शादियों के मौसम को देखते हुए। मुझे ज्वेलरी और रंगीन रत्नों अर्थात कलर स्टोन्स की अच्छी माँग की उम्मीद है। रूबेलाइट, मॉर्गनाइट, एक्वामरीन, कुन्जाइट, नीला पुखराज… कलर स्टोन्स की लगभग 150 किस्में हैं, और उत्तम ज्वेलरी के क्षेत्र में इन्हें मान्यता प्राप्त होते देखना उत्साहजनक है। वास्तव में, इनमें से कई रत्न अब उच्च कीमतों पर बिक रहे हैं—उदाहरण के लिए, रूबेलाइट को ही लीजिए, जो कभी-कभी अच्छी गुणवत्ता वाले पन्ने से भी ज़्यादा महंगा हो सकता है।”
लाल जेम्स की ममता पंजाबी ने बताया, “बहुरंगी नीलम और पन्ने हमारे लिए बहुत अच्छी बिक्री कर रहे हैं, खासकर संगठित और कैलिब्रेटेड रेंज में। मैंने कुन्जाइट और बहुरंगी नीलम जैसे रंगों की ज़बरदस्त माँग देखी है। बेशक, पन्ना हमेशा से ही पसंदीदा रहा है – हम इसकी कीमत लगभग 5,000-6,000 रुपए प्रति कैरेट से शुरू करते हैं और उच्च श्रेणी की सामग्री के लिए 3.5 लाख तक जाते हैं। मॉर्गनाइट भी, खासकर गुलाबी रंग के, अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। खुशी की बात यह है कि इस बार ज़्यादातर ख़रीदार भारत के भीतर से ही आए हैं – खासकर दिल्ली और मुंबई से। दक्षिणी बाज़ार शांत रहे हैं, लेकिन उत्तर और महाराष्ट्र ने वास्तव में चीज़ों को उछाल दिया है। यह एक व्यस्त शो रहा है।”
गौरव जेम्स के गौरव शर्मा 35 वर्षों से इस उद्योग में हैं और लैपिस लाजुली, एमेथिस्ट, एवेन्ट्यूरिन, पन्ना, जेड आदि से बनी अपनी नक्काशीदार रत्न मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं। मूर्ति के आकार के आधार पर, इसे पूरा करने में आसानी से चार महीने तक लग सकते हैं। “आईआईजेएस में यह हमारा चौथा प्रदर्शन है और हम इस शो में मिली प्रतिक्रिया से बहुत खुश हैं। हमारे ग्राहक पूरे भारत, अमेरिका और यूरोप में फैले हुए हैं।”
आईआईजेएस प्रीमियर में ज्वेलरी एग्जिबिटर्स ने अपनी बुकिंग के रिकॉर्ड को पार कर लिया, जिससे रत्न एवं ज्वेलरी उद्योग के केंद्र के रूप में इस शो की स्थिति की पुष्टि हुई है। देश के सबसे बड़े और घोषित रूप से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस ज्वेलरी शो, आइआइजेएस प्रीमियर में ज्वेलरी एग्जिबिटर्स ने सभी श्रेणियों में फुल-हाउस बुकिंग की सूचना दी है, और पहले दिन से ही ज्वेलरी की बिक्री एक झटके में ही आसमान पर पहुंचने लगी। ज्वेलरी एग्जिबिटर्स में ऊर्जा का संचार हुआ, ज्वेलरी की मांग बेकाबू रही और एक बार फिर यह साबित हुआ कि आइआइजेएस प्रीमियर ही वह जगह है जहां दुनिया भर के ज्वेलरी उद्योग के लोग सिर्फ़ ज्वेलरी देखने और व्यापारिक समझ में वृद्धि करने के लिए ही नहीं, बल्कि जम कर खरीदारी भी करने आते है।
-साक्षी त्रिपाठी
