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Special Story

Gold Reserves: गोल्ड भंडार के मामले में भारत ‘वैसे’ तो दुनिया में नंबर वन, मगर…. ऐसे नौंवे नंबर पर ही!  

Jewel Trades Editor
Last updated: 2024/01/19 at 2:27 PM
By Jewel Trades Editor 1 year ago
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13 Min Read
Gold TheJewelTrades
GoldReserves_TheJewelTrades
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Gold Reserves: Special Report / Sakshi Tripathi

Contents
Gold Reserves किस देश के पास कितनाभारतीयों के पास 25000 टन गोल्ड का अनुमानसभी देश गोल्ड में होल्डिंग बढ़ा रहे हैंबिगड़ते हालात सुधारने का साधन है गोल्डअर्थव्यवस्था के लिए गोल्ड खरीदी को प्राथमिकतामहंगाई के संतुलन में गोल्ड भंडार मददगारवैश्विक आर्थिक प्रणाली में मजबूती का प्रदाता है गोल्ड

Gold Reserves: गोल्ड वर्षों से दुनिया के सभी देशों के वित्तीय भंडार को मजबूत करने एक प्रमुख जरिया रहा है। भारत (India) जैसे बहुत बड़ी आबादी वाले जरूरतमंद देशों में तो इसकी खास अहमियत है। बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच, भारत सहित कई देशों के केंद्रीय बैंक, मूल्य के भंडार के रूप में इसकी सुरक्षा और स्थिरता के कारण गोल्ड (Gold) को भंडार के रूप में रख रहे हैं। गोल्ड भंडार (Gold Reserves) वाले शिखर के 10 देशों में भारत भी शामिल है और भारत समेत कई देशों के केंद्रीय बैंक वर्षों से अपने कुल भंडार में गोल्ड रखते आ रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास गोल्ड का सबसे बड़ा भंडार है। गोल्ड खननकर्ताओं की शिखर की संस्था वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) ने हाल ही में सन 2023 की तीसरी तिमाही तक दुनिया के कई देशों द्वारा रखे गए गोल्ड भंडार के अपने अनुमानित आंकड़े जारी किए हैं, जिनके मुताबिक भले ही भारत नौवें नंबर पर है, लेकिन वास्तव में भारत कुल गोल्ड भंडार के मामले में नंबर वन पर माना जा रहा है। भारत के सेंट्रल बैंक, यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 800 टन से ज्यादा गोल्ड है, तथा भारतीय परिवारों के पास लगभग 25000 टन गोल्ड होने का अनुमान है।

Gold Reserves किस देश के पास कितना

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के नवीनतम डेटा के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका में 8133.46 टन के साथ सबसे अधिक गोल्ड का भंडार है। भारत का दुनिया में गोल्ड भंडार के मामले में नौंवां नंबर है, जिसके पास अधिकारिक रूप से 800.78 टन गोल्ड है, जबकि भारत में जो 25 हजार टल गोल्ड लोगों के पास है, वह इसमें जोड़ दिय़ा जाए, तो यह आंकड़ा 25800.78 टन हो जाता है, जो संसार के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा गोल्ड भंडार वाले देश के रूप में भारत को शिखर पर रखता है। हालांकि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की नवीनतम जानकारी के मुताबिक जो सूची बनी है, उसके हिसाब से गोल्ड भंडार वाले देश के रूप में पहले नंबर पर अमेरिका है, जिसके कुल विदेशी भंडार में गोल्ड का हिस्सा लगभग 78 प्रतिशत है। अमेरिका के पास 8133.46 टन गोल्ड का भंडार है। इसके बाद दूसरे नंबर पर जर्मनी है, जिसके पास 3352.65 टन सोने के साथ संसार का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड भंडार है, इसके बाद तीसरे नंबर पर इटली के पास 2451.84 टन और चौथे नंबर पर फ्रांस के पास 2436.88 टन गोल्ड है। रूस के पास 2332.74 टन सोने के भंडार के साथ यह देश पांचवें स्थान पर है। छठा नंबर चीन का है, जिसके पास 2191.53 टन गोल्ड भंडार है। स्विट्जरलैंड और जापान के पास क्रमशः दुनिया में सातवां और आठवां सबसे बड़ा गोल्ड भंडार है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के नवीनतम डेटा को मुताबिक भारत अपने आधिकारिक गोल्ड भंडार के मामले में 800.78 टन गोल्ड के साथ दुनिया भर में नौवें स्थान पर है। नीदरलैंड के पास 612.45 टन गोल्ड है, जो दुनिया में दसवें नंबर पर सबसे बड़ा गोल्ड का भंडार है।

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भारतीयों के पास 25000 टन गोल्ड का अनुमान

ये तो हुई अधिकारिक रूप से सरकारों के पास गोल्ड भंडार की बात, लेकिन भारत संसार का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है, तथा भारतीयों का दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले गोल्ड से लगाव कुछ ज्यादा ही है। एक जानकारी के मुताबिक भारतीय परिवारों के पास लगभग 25000 टन गोल्ड होने का अनुमान है। घरेलू लोगों के पास बड़े पैमाने पर ज्यादातर गोल्ड़ ज्वेलरी के रूप में रखा हुआ है, तथा कुछ मामलों में यह बुलियान के रूप में बी हो सकता है। इस तरह से देखा जाए, तो संसार में गोल्ड के मामले में सबसे ज्यादा भंडार भारत के पास ही है। भारत में हम युगों युगों से लगातार देखते आ रहे कि भारतीय परिवारों का गोल्ड के प्रति प्रेम बढ़ता जा रहा है। जैसे जैसे रेट्स बढ़ रहे हैं, गोल्ड के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है। पिछले जून में प्रकाशित वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास लगभग 25 हजार टन गोल्ड होने का अनुमान है, जो उन्हें दुनिया में कीमती धातु का सबसे बड़ा धारक बनाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया ने हाल ही में एक अधिकारिक जानकारी में कहा है कि दो साल पहले किए गए एक सर्वे में घरेलू भारत के लोगों के पास गोल्ड का भंडार लगभग 21 से 23 हजार टन होने का अनुमान लगाया गया था, जो अब बढ़कर 24 से 25, हजार टन हो जाने की संभावना है।

सभी देश गोल्ड में होल्डिंग बढ़ा रहे हैं

गोल्ड वर्षों से दुनिया के सभी देशों के वित्तीय भंडार का एक प्रमुख घटक रहा है। तुर्की, ताइवान, उज्बेकिस्तान, पुर्तगाल, पोलैंड, सऊदी अरब, यूनाइटेड किंगडम, कजाकिस्तान, लेबनान और स्पेन अन्य देश हैं, जो गोल्ड के भंडार बनाए रखते हैं। ये देश लगातार थोड़ा थोड़ा गोल्ड भंडार बढ़ाते रहते हैं, उसी तरह से भारत ने अपनी अपनी गोल्ड की होल्डिंग बढ़ा दी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल सितंबर तिमाही में नौ टन सोना खरीदा था। भारत का केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 2017 से अपनी गोल्ड की होल्डिंग बढ़ा रहा है और 2023 तक इसमें 248.9 टन सोना जोड़ा गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, भारत के पास पिछले साल यानी 2013 के मार्च तक अपने आधिकारिक भंडार में 794.6 टन सोना था। पिछले साल अप्रैल 2023 में जारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2017 से भारत अपनी गोल्ड की होल्डिंग बढ़ा रहा है। पांच साल से भी कुछ समय पहले गोल्ड की खरीद फिर से शुरू होने के बाद से भारत में गोल्ड का भंडार 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अलावा, अन्य देशों के केंद्रीय बैंक भी आधिकारिक भंडार के रूप में रखने के लिए गोल्ड खरीद रहे हैं। सिंगापुर के करेंसी प्राधिकरण, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना और तुर्की गणराज्य के सेंट्रल बैंक अमेरिकी डॉलर के मूल्य में कमी और नेगेटिव ब्याज दरों के साथ-साथ अपनी विदेशी मुद्रा में विविधता लाने के लिए गोल्ड खरीद रहे हैं।

बिगड़ते हालात सुधारने का साधन है गोल्ड

गोल्ड पारंपरिक रूप से किसी देश की मुद्रा के मूल्य को समर्थन देने में भूमिका निभाता रहा है। लगभग 125 साल पहले, यानी सन 1800 के अंतिम दशक और 1900 के शुरूआती दशक में दुनिया के एक बड़े हिस्से के देशों ने गोल्ड को अपनी मुद्रा की कीमत बनाए रखने के माध्यम को मानक के रूप में अपनाया। गोल्ड का उपयोग, उस देश की मुद्रा और गोल्ड की एक निश्चित मात्रा के बीच एक निश्चित विनिमय दर बनाकर उनके कागजी धन के मूल्य को वापस करने के लिए किया जाता है, इस हिसाब में मुद्रा की प्रत्येक इकाई का गोल्ड के बराबर मूल्य निर्धारित किया जाता है, जिससे लोग उस निश्चित दर पर वास्तविक गोल्ड के लिए अपने कागजी पैसे को ड्रांसफर कर सकते इसी वजह से मुद्रा कोष में गोल्ड जरूरी मानक है और कई देशों के पास गोल्ड जमा होना जारी है।

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अर्थव्यवस्था के लिए गोल्ड खरीदी को प्राथमिकता

दुनिया भर के देशों की आर्थिक स्थिति को सम्हाले रखने के लिए एक बार फिर, लगभग सभी देशों के केंद्रीय बैंक सुरक्षित संपत्ति के रूप में गोल्ड की खरीदी तथा अपने भंडार मजबूत करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के बीच अब संसार के सभी देशों के पास 35000 मैट्रिक टन से अधिक गोल्ड है, जो अब तक खनन किए गए कुल गोल्ड का लगभग पांचवां हिस्सा है। मतलब संसार में कुल उपलब्ध गोल्ड में से सरकारी बैंकों के पास पांच में से केवल 1 हिस्सा है, तथा लगभग चार हिस्से अलावा लोगों के पास सुरक्षित है।

महंगाई के संतुलन में गोल्ड भंडार मददगार

सरकारी गोल्ड भंडार की सबसे बड़ी जरूरत सरकारों को मूल्य के एक विश्वसनीय और स्थिर भंडार के रूप में बनाए रखने के लिए जरूरी हो गई है। खासकर वित्तीय अस्थिरता के समय केंद्रीय बैंक अपने कुल भंडार में मजबूती लाने के लिए गोल्ड की होल्डिंग बनाए रखते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक ताजा रिपोर्ट तथा भारतीय रिजर्व बैंक हाल ही में जारी गोल्ड के आंकड़ों की रिपोर्ट के अनुसार, चल व अचल संपत्तियों के मूल्य में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों को कम करने तथा महंगाई का संतुलन बनाए रखने के लिए गोल्ड भंडार बड़े मददगार साबित हो रहे हैं। गोल्ड मुद्रास्फीति के खिलाफ पूरी ताकत से बढ़ा रहकर हालात को सुधारने में मददगार बनने का काम करता है। इसी वजह से गोल्ड का मूल्य आमतौर पर वॉर, महंगाई, आर्थिक उथल-पुथल या जियो-पॉलिटकल घटनाओं के दौरान अचानक बढ़ जाता है। वैसे, गोल्ड में में कोई जोखिम नहीं होता है, यह एक देश और सभी आर्थिक हालातों में विश्वास के आधार के रूप में कार्य करता है, जो इसे सरकारी बांड के साथ-साथ दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण आरक्षित संपत्तियों में से एक बनाता है।

वैश्विक आर्थिक प्रणाली में मजबूती का प्रदाता है गोल्ड

गोल्ड का आकर्षण अमेरिकी डॉलर के साथ इसके विपरीत संबंध से बढ़ जाता है। जब डॉलर का मूल्य गिरता है, तो गोल्ड का मूल्य आमतौर पर बढ़ जाता है। यह दुनिया भर के सभी केंद्रीय बैंकों को बाजार की अस्थिरता के दौरान अपने भंडार को सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसी कारण माना जाता है कि गोल्ड सीधे सीधे किसी भी देश की वैश्विक आर्थिक प्रणाली में उसे मजबूती प्रदान करता है। असल में देखें, तो गोल्ड का भंडार किसी देश की साख को भी बढ़ाता है और उसकी अर्थव्यवस्था को आधार भी देता है, उसी आधार पर यह जिस व्यक्ति, परिवार का संस्थान के पास होता है, उसकी साख, क्षमता तथा कमाई में तो वृद्धि करता ही है, उसे आर्थिक हालात से भी सुरक्षित रखता है। इसी वजह से गोल्ड की अहमियत कभी कम नहीं हो सकती और रेट तो कभी, कुछ वजह से थम जरूर जाएं, लेकिन कम हो ही नहीं सकते।

 

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TAGGED: Gold, Gold Reserves, India, World Gold Council
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