हमारे देश में हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिनमें दुबई जैसे अन्य देशों से इंडोनेशिया जैसे आसियान देशों के जरिए गोल्ड ज्वेलरी का इम्पोर्ट हो रहा था। लेकिन अब सन 2015 में सरकार इसे रोकने के लिए अपना जाल फैला चुकी है। गोल्ड ज्वेलरी के इंपोर्ट के मामले में हमारे देश ने सख्त रवैया अपना लिया है। सन 2015 चल रहा है और गोल्ड के रेट्स में लगातार डाउन ट्रेंड आने और हमारे देश में कुछ ही दिनों में शुरू होनेवाले फेस्टिव सीजन से पहले इसकी डिमांड बढ़ने को ध्यान में रखकर सरकार गोल्ड ज्वेलरी के इंपोर्ट के मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। भारत ने 10 देशों के समूह आसियान से फ्री ट्रेड पैक्ट (एफटीए) के तहत गोल्ड ज्वेलरी के इम्पोर्ट पर सख्ती की है। माना जा रहा है कि कम कस्टम ड्यूटी का फायदा उठाने के लिए आसियान से बाहर के देशों से इस रूट के जरिए गोल्ड ज्वेलरी भारत लाई जा रही है। रेवेन्यू अधिकारियों को शक है कि इस तरह के इम्पोर्ट में एफटीए के तहत रूल्स ऑफ ऑरिजिन का उल्लंघन किया जा रहा है, जो किसी अन्य देश के प्रॉडक्ट को भारत में एक्सपोर्ट करने के लिए आसियान देश की ओर से 35 पर्सेंट वैल्यू एडिशन पर जोर देते हैं। आसियान देश के कंट्री ऑफ ऑरिजिन सर्टिफिकेट की पुष्टि होने तक इम्पोर्टर्स को एफटीए के तहत ड्यूटी बेनेफिट का फायदा लेने के लिए एक बैंक गारंटी देनी होती है। भारत-आसियान एफटीए के तहत गोल्ड ज्वेलरी के इम्पोर्ट पर दो पर्सेंट इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है, जबकि नॉर्मल ट्रेड चैनल के जरिए आने वाली गोल्ड जूलरी पर ड्यूटी 10 पर्सेंट की है। भारत ने 2009 में आसियान के साथ गुड्स में एफटीए साइन किया था। बैंक गारंटी देने की शर्त एक रोक का काम करती है क्योंकि इससे इम्पोर्ट की कॉस्ट और वर्किंग कैपिटल बढ़ जाती है और एफटीए के तहत मिलने वाला ड्यूटी का फायदा कम हो जाता है। इसके अलावा रेवेन्यू अधिकारियों की ओर से कंट्री ऑफ ऑरिजिन सर्टिफिकेट की जांच अन्य देशों से होने वाले इम्पोर्ट को रोकने में मदद करती है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने सरकार को अलर्ट दिया था कि कथित तौर पर आसियान से बाहर के देशों में बनी गोल्ड जूलरी का इस रूट के जरिए भारत में एक्सपोर्ट किया जा रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 35 पर्सेंट के वैल्यू एडिशन से भारत में विदेश से आने वाली गोल्ड ज्वेलरी की कीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है। भारत ने विदेशी व्यापार से होने वाले घाटे को कम करने के लिए दो वर्ष पहले थाईलैंड से गोल्ड जूलरी का इम्पोर्ट रोक दिया था। थाईलैंड से कम ड्यूटी पर गोल्ड ज्वेलरी का बड़ी मात्रा में इम्पोर्ट हो रहा था जिससे गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के सरकार के कदम का नतीजा नहीं निकल रहा था। सरकारी एजेंसियों ने कुछ ऐसे मामले पकड़े हैं, जिनमें दुबई जैसे अन्य देशों से इंडोनेशिया जैसे आसियान देशों के जरिए गोल्ड जूलरी का इम्पोर्ट हो रहा था। दुनियाभर में गोल्ड के प्राइसेज गिर रहे हैं। ऐसे में भारत में फेस्टिव सीजन से पहले इसकी डिमांड भी बढ़ने के आसार हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार गोल्ड ज्वेलरी के इंपोर्ट के मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।