-By Sakshi Tripathi
IIJS Premier: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा डायमंड (Diamond) इम्प्रेस्ट लाइसेंस की शुरुआत की जाएगी। गोयल ने कहा कि डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस से एमएसएमई निर्यातकों को लाभ होगा, जो भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यातकों का एक बड़ा हिस्सा है। वे जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) द्वारा आयोजित आइआइजेएस – प्रीमियर (IIJS Premier) में ज्वेलरी ट्रेड से संबद्ध लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुंबई में बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र (बीईसी), नेस्को, गोरेगांव में चल रहे जीजेईपीसी के प्रमुख शो इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो – 2024 के 40वें संस्करण आइआइजेएस में अपने संवादात्मक सत्र के दौरान बोल रहे थे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल के साथ इस अवसर पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह, उपाध्यक्ष किरीट भंसाली, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, मुंबई के क्षेत्रीय विकास आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल, अडिशनल डायरेक्टर फॉरेन ट्रेड आरके मिश्रा, आइआइजेएस के नेशनल संयोजक नीरव भंसाली, सहित जीजेईपीसी के सब्यसाची रे, सहित ज्वैलरी ट्रैड से संबद्ध कई प्रमुख लोग एवं कई प्रममुख लोग उपस्थित थे।
आइआइजेएस के लिए बड़ी जगह का वादा
डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस की शुरुआत की घोषणा करते हुए गोयल ने कहा कि डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस के लिए जीजेईपीसी लंबे समय से नीतिगत पहल की सिफारिश कर रहा है। डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस यह सुनिश्चित करता है कि एक निश्चित निर्यात टर्नओवर सीमा से ऊपर के भारतीय डायमंड निर्यातकों को पिछले तीन वर्षों के औसत निर्यात टर्नओवर का यदि पहले की तरह 10% नहीं तो, कम से कम 5% आयात करने की अनुमति होगी। इससे डायमंड वर्गीकरणकर्ताओं और कारखानों में अर्द्ध-तैयार डायमंड के प्रसंस्करण के मामले में अधिक रोजगार मिलेगा। वाणिज्य मंत्री गोयल ने जेम एंड ज्वैलरी व्यापार से यह भी वादा किया कि चूंकि जीजेईपीसी के आइआइजेएस प्रीमियर में एग्जिबिटर्स के लिए जगह की कमी है, इसलिए वे भविष्य में आईआईजेएस के लिए 2 मिलियन वर्ग फुट प्रदर्शनी स्थान बनाने के बारे में भी सोचेंगे।
वैश्विक मंदी में सकारात्मक रहने की जरूरत
वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि केंद्रीय बजट में सोने, चांदी और प्लेटिनम की शुल्क दरों में कटौती की गई है, जिससे सोना और आभूषण आधिकारिक चैनलों के माध्यम से आएंगे और हमारे कर्मचारियों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत का घरेलू बाजार लचीला है और वैश्विक मंदी के कारण जेम एंड ज्वैलरी निर्यातकों से सकारात्मक रहने की जरूरत भारत सरकार जी-7 देशों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है और यूरोपीय संघ के मंत्रियों और आयुक्त के साथ व्यापक चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि भारत जी-7 के साथ मजबूत स्थिति में बातचीत कर रहा है। गोयल ने कहा, “हमें उम्मीद है कि मुंबई या सूरत में एंटवर्प जैसा ही केंद्र विकसित हो सकता है। हम डायमंड की असोर्रिटंग और उनकी उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डी बीयर्स किम्बर्ले प्रक्रिया पर भी बातचीत कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में कोई तकनीकी तंत्र और कोई प्रोटोकॉल नहीं है फिर भी हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर भारत सरकार के प्रयास
गोयल ने कहा कि विकसित देशों में मंदी के कारण भारतीय निर्यातकों को अधिक मूल्य संवर्धन की आवश्यकता है। दुनिया उच्च लागत वाले उत्पादों या आभूषणों की तलाश नहीं कर रही है, बल्कि मेहनती कारीगरी, उत्कृष्ट कलात्मकता और कस्टम हस्तनिर्मित आभूषणों के साथ जटिल उत्पादों की तलाश कर रही है। समझदार ग्राहक हमेशा पैसे के लिए मूल्य की तलाश करेंगे। ऑस्ट्रेलिया के साथ ईसीटीए और यूएई के साथ सीईपीए एफटीए के मामले में, हम अपने सभी संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करने में सक्षम थे। हम तभी निष्कर्ष निकालते हैं जब हमारे पास अतीत के विपरीत एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित दृष्टिकोण होता है। ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए में, हमने भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए दोहरे कराधान को हटा दिया। यूरोप के ईएफटीए (स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन) के मामले में, उन्होंने भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने और 1 मिलियन नौकरियां पैदा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
विपुल शाह ने जताई सहयोग की अपेक्षा
जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह ने इस अवसर पर कहा कि पीयूष गोयल, के अथक समर्पण और दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप भारत-यूएई सीईपीए, भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए, भारत-ईएफटीए टीईपीए जैसे एफटीए पर हस्ताक्षर हुए हैं। उन्हीं के आग्रह पर इन एफटीए को अंतिम रूप देने से पहले हितधारकों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ कई बैठकें की गईं, ताकि उद्योग जगत को इसमें शामिल किया जा सके। भारत-यूएई सीईपीए के परिणामस्वरूप यूएई को रत्न और आभूषण निर्यात में 40% की मजबूत वृद्धि हुई है। उन्होंने गोयल से उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में निकट भविष्य में भारत-यूके, भारत-ईयू और भारत-कनाडा एफटीए पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद हैं, जिससे निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह भी कि हम एशियाई देशों और अन्य के साथ पुराने एफटीए पर आपके पुनर्निर्णय से भी उत्साहित हैं। सीएनबीसी टीवी18 की कमोडिटी संपादक मनीषा गुप्ता ने इस सत्र का संचालन किया।