IIJS Tritiya 2025: देश की सबसे बड़ी संस्था द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इंडिया (GJEPC) का 21 से 24 मार्च 2025 तक बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (बीआईईसी) में ‘आईआईजेएस तृतीया’ (IIJS Tritiya) का तीसरा संस्करण का आयोजन चल रहा है, जिसका लक्ष्य दक्षिण भारत से रत्न एवं आभूषण (Jewellery) निर्यात को 3 अरब डॉलर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर करना है। 21 मार्च को कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने इसका उदघाटन किया। इस अवसर पर जीजेईपीसी के चेयरमेन किरीट भंसाली (Kirit Bhansali), जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष शौनक पारीख, आईआईजेएस के नेशनल एग्जिबिशन संयोजक नीरव भंसाली, सहित ज्वेलरी उद्योग (Jewellery Industry) के कई जाने माले लोग उपस्थित थे। ‘आईआईजेएस तृतीया’ के तीसरे संस्करण में इस वर्ष 500 नए प्रतिभागियों सहित 1,100 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। भंसाली ने कहा कि इस बार मिली ज्वेलर्स की जबर्दस्त प्रतिक्रिया से पता चलता है कि ज्वेलरी (Jewellery) उद्योग का आईआईजेएस तृतीया’ पर भरोसा बढ़ रहा है, जो दक्षिणी बाजार के लिए एक प्रमुख व्यवसायिक विकास की नई राह है। इस (IIJS) ज्वेलरी एग्जिबिशन में 1100 ज्वेलर्स के 1900 ज्वेलरी स्टॉल्स हैं और देश भर से ज्वेलरी इंडस्ट्री के करीब 15 हजार ज्वेलरी व्यवसायी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
‘आईआईजेएस तृतीया’ दक्षिण की सबसे बड़ी बी2बी एग्जिबिशन
‘आईआईजेएस तृतीया – 2025’ के उदघाटन अवसर पर जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा कि ‘आईआईजेएस तृतीया’ अब तक की सबसे बड़ी बी2बी रत्न एवं आभूषण प्रदर्शनी है और यह क्षेत्र में स्वदेशी रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए एक व्यापक सोर्सिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। जीजेईपीसी दक्षिण भारत से 5 बिलियन डॉलर के रत्न एवं आभूषण निर्यात का लक्ष्य बना रही है। भंसाली ने कहा कि आज भारत दुनिया में रत्न और आभूषणों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हमारी घरेलू खपत पहले ही 85 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है और 2030 तक इसके बढ़कर 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ‘आईआईजेएस तृतीया 2025’ दक्षिण भारत में कर्नाटक सरकार, भारत सरकार; ज्वेलर्स एसोसिएशन बैंगलोर (जेएबी); कर्नाटक ज्वैलर्स फेडरेशन (केजेएफ) तथा विभिन्न राष्ट्रीय संघों द्वारा समर्थित शो है, जिसका उद्देश्य दक्षिणी क्षेत्र के आभूषण बाजार की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है। ‘आईआईजेएस तृतीया’ के तीसरे संस्करण के जरिए जीजेईपीसी का लक्ष्य दक्षिण भारत से जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट को 3 अरब डॉलर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक ले जाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

दक्षिण भारत से ज्वेलरी एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर बढ़ाना
जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली का कहना है कि ‘आईआईजेएस तृतीया 2025’ अब तक की सबसे बड़ी बी2बी रत्न एवं आभूषण प्रदर्शनी है और यह ज्वेलरी सेक्टर में क्षेत्र में स्वदेशी जेम एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए एक व्यापक सोर्सिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। जीजेईपीसी आईआईजेएस तृतीया जैसे आयोजनों के द्वारा दक्षिण भारत से 5 बिलियन डॉलर के रत्न एवं आभूषण निर्यात का लक्ष्य बना रही है। ‘आईआईजेएस तृतीया 2025’ से पहले एक बातचीत में भंसाली ने ‘द ज्वेल ट्रेड्स’ से कहा कि आज भारत दुनिया में रत्न और आभूषणों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हमारी घरेलू खपत पहले ही 85 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है और 2030 तक इसके बढ़कर 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा हमने 2030 तक रत्न और आभूषण निर्यात में 70 बिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह हमारे बाजार की अपार क्षमता को दर्शाता है, और इसे वैश्विक स्तर पर पोषित और विस्तारित करना हमारी जिम्मेदारी है।

‘आईआईजेएस तृतीया’ दक्षिण भारत के आकर्षण वाला शो
‘आईआईजेएस तृतीया’ दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा आकर्षण वाला शो बन गया है। इस तीसरे संस्करण में 1100 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जिनके 1,900 से अधिक स्टॉल लगे हैं, जो 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले हैं। इस आयोजन में देश – दुनिया के 600 शहरों से 15,000 से ज़्यादा व्यापारिक विजिटर्स हिस्सा ले रहे है। इसमें गोल्ड, सिल्वर, सीजेड, डायमंडस स्टोन्स आजदि की ज्वेलरी, कलाकृतियां उपहार में देने वाली वस्तुएं, लूज स्टोन्स, लैबग्रोन डायमंड्स सहित कई तरह के उत्पाद पेश किए गए हैं। इस ‘आईआईजेएस तृतीया’ बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) ज्वेलरी एग्जिबिशन का पहला उद्देश्य कर्नाटक में ज्वेलरी बिजनेस को देश की मुख्यधारा से जोड़ने और उसे विस्तार देने का है, जिसके लिए जीजेईपीसी इच्छुक आभूषण निर्माताओं और व्यापारियों को सहायता प्रदान करती रही है।

जीजेईपीसी का लक्ष्य भारत को ज्वेलरी मशीनरी का वैश्विक केंद्र बनाना
जीजेईपीसी के विभिन्न प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया से बातचीत में जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा कि जीजेईपीसी क्रेता-विक्रेता जुड़ाव, उत्पाद मिलान, डिजाइन रुझान और यहां तक कि शो सेटअप को सुविधाजनक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में भारी निवेश कर रही है। जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली का कहना है कि ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए आगे बढ़ने हेतु प्रौद्योगिकी एक प्रमुख केंद्र है और एक तकनीकी केंद्र के रूप में बेंगलुरु की स्थिति हमारी दृष्टि से पूरी तरह मेल खाती है। ‘आईआईजेएस तृतीया 2025’ में इस साल, तकनीक से प्रेरित कंपनियों से सार्थक भागीदारी ज्यादा दिख रही हैं, जिनमें डायमंड और ज्वेलरी से संबंधित उत्पादों से परे, एआई और मेकेनिकल लर्निंग-बेस्ट सॉल्य़ूशन पेश करने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा कि जीजेईपीसी का लक्ष्य भारत को ज्वेलरी मशीनरी और नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जो इटली या तुर्की की तरह ही दुनिया भर के निर्माताओं को आकर्षित करेगा।
-Sakshi Tripathi
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