Lab-grown Diamonds : हीरे के लिए कहा जाता है – ‘हीरा है सदा के लिए’; लेकिन हीरा सभी के लिए नहीं है, यह बात भी सही है। हीरा है सदा के लिए’ टैग लाइन के साथ पिछले कुछ सालों से forevermark के मैनेजिंग डायरैक्टर सचिन जैन सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। लेकिन गहने बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी पैंडोरा ने कहा है कि वह अब खदान से निकाले गए हीरों का इस्तेमाल नहीं करेगी. कंपनी ने कहा है कि अपने गहनों के लिए वह सिर्फ मानवनिर्मित Diamonds का प्रयोग करेगी। ब्रेसलेट्स के लिए मशहूर डेनमार्क की कंपनी पैंडोरा पहले ही बहुत कम गहनों के लिए कुदरती हीरों का इस्तेमाल करती है. सालाना यह करीब साढ़े आठ करोड़ गहने बेचती है जिनमें कुदरती Diamonds का इस्तेमाल लगभग 50 हजार गहनों में ही होता है। एक बयान में पैंडोरा ने बताया कि जल्दी ही ब्रिटेन में कंपनी पहली ऐसी कलेक्शन पेश करेगी जिसमें प्रयोगशाला में बने Diamonds का इस्तेमाल हुआ है।
Lab-grown Diamonds ही अब है सदा के लिए
2022 तक कंपनी का लक्ष्य बाकी बाजारों में भी ‘पैंडोरा ब्रिलियंस’ नामक इस पहल को पेश करना है। कंपनी के प्रमुख ऐलेग्जेंडर लासिक कहते हैं, “ये हीरे सदा के लिए भी हैं और सबके लिए भी। यह नई कलेक्शन कुछ नया करने का प्रतीक तो है ही, यह खूबसूरती को सहेजने का भी प्रतीक है. और Lab-grown Diamonds के महत्वाकांक्षी सस्टेनेबल एजेंडे को भी आगे बढ़ाती है।” Lab-grown Diamonds की पहुंच युवाओं के बीच बढ़ रही है। ये सस्ते होते हैं और खदानों से नहीं निकाले होने की गारंटी के साथ आते हैं। पिछले दो साल में तो Lab-grown Diamonds की कीमतों में और भी कमी देखी गई है। ऐसा डि बेयर्स कंपनी के अपनी नीति बदलने के कारण हुआ था। बेन ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब Lab-grown Diamondsकी कीमत खदान से निकाले गए हीरों से दस गुना कम हो चुकी है। पैंडोरा को उम्मीद है कि Lab-grown Diamonds कुदरती हीरों के बाजार को पछाड़ देंगे और इनकी मांग में इसी तरह बढ़त होती रहेगी।