Platinum ज्वेलरी बहुत तेजी से इंडिया में उन लोगों की पहली पसंद बनकर उभरी है जो अपने लिए कुछ हटकर चाहते हैं। पिछले दो-तीन सालों में न सिर्फ इसकी डिमांड और सप्लाई का लेबल कई गुना बढा है बल्कि इंडियन मार्केट और कस्टमर्स तक इसकी पहुंच ने कामयाबी का नया मुकाम हासिल किया है। आज प्लेटिनम ज्वेलरी अपर क्लास के साथ-साथ अपर मिडिल क्लास परिवारों में होने वाली शादियों और समारोहों को पहचान बन चुकी है। खासतौर से वर्किंग वुमैन के बीच इसका क्रेज गौर करने लायक है। प्लेटिनम ज्वेलरी आज इनकी लाइफ और स्टायल दोनों का जरुरी हिस्सा बन चुकी है। यूं तो प्लेटिनम इंडिया में साल 2000 में ही लांच हो गया था, लेकिन पिछले दो साल में इसकी डिमांड में जबरदस्त उछाल आया है। इंडिया में प्लेटिनम की डिमांड में आए इस खुश्नुमा बदलाव के पीछे है प्लेटिनम गिल्ड ऑफ इंडिया (पीजीआई) की ओर से 2009 में शुरु की गई शानदार मार्केटिंग । मार्केट के जानकारों की मानें तो पीजीआई की इस मार्कटिंग स्ट्रेटिजी ने इसे इंडिया के अपर क्लास की पहली पसंद बना दिया। इस प्रोग्राम के अच्छे रिजल्ट को देखते हुए पीजीआई ने इसे इस साल भी चालू रखा है। जानकारों के अनुसार इंडिया में प्लेटिनम ज्वेलरी की ग्रोथ पिछले साल की तुलना में काफी बढ गयी है। जहां नये बाजार में प्लेटिनम (Platinum) की ग्रोथ सौ फीसदी नजर आ रही है। वहीं मौजूदा बाजार में इसकी ग्रोथ् 40 से 60 फीसदी तक दिखाई दे रही है। कुल मिलाकर 2009 में प्लेटिनम ज्वेलरी ने मार्केट में सौ फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। इसी प्रकार 2010 में 80 फीसदी और 2011 में इसकी मार्केट ग्रोथ् 70 फीसदी के आस-पास रही।
हमारी इकोनॉमी में हुई ग्रोथ का लाभ भी प्लेटिनम इंडस्ट्री (Platinum) को मिला है। क्योंकि इसके चलते कस्टमर्स की खर्च करने की क्षमता बढी है और वो प्लेटिनम जैसे रेयर मैटल्स को खरीदने में रुचि ले रहा है। दूसरी तरफ गोल्ड की कीमत भी दिन व दिन बढ रही है और इसके चलते अब प्लेटिनम और गोल्ड की कीमतों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। दोनों मैटल्स की कीमतों में कम हुए इस अंतर के चलते भी इंडियन कस्टमर प्लेटिनम (Platinum) की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। पीजीआई की मैनेजर वैशाली बनर्जी भी इससे सहमति जताती हैं ‘’ कीमतों में कम हुए इस फर्क के चलते ही हमारे कस्टमर्स अपने ज्वेलरी कलेक्शन में प्लेटिनम को भी शामिल कर रहे हैं। इतना ही नहीं गोल्ड की कीमतों के लगातार बढने और इसकी खपत कम होने के कारण अब बहुत से कस्टमर इसकी तुलना में प्लेटिनम को इंपोर्टेंस दे रहे हैं। कुल मिलाकर ये सारी बातें प्लेटिनम ज्वेलरी की मार्केट में लगातार बढ रही डिमांड की पहचान है। यही नहीं पूरे देश में प्लेटिनम ज्वेलरी के रिटेलर्स की लगातार बढ रही संख्या भी इस बात का सुबूत है। और जिस तरह इंडिया के दूरदराज के क्षेत्रों के बहुत से ज्वेलर्स प्लेटिनम ज्वेलरी के बिजनेस में इंट्रेन्स ले रहे हैं। उससे ये तय है कि बहुत जल्दी पूरे देश में इसका प्रचार-प्रसार होने वाला है। जिस तरह इन दोनों मैटल्स की कीमत का अंतर दिन व दिन कम हो रहा है, उसे देखते हुए क्या ऐसा लगता है कि प्लेटिनल भविष्य में गोल्ड की जगह ले लेगा ? नहीं, मिसेस बनर्जी हमारे सवाल के जबाव में कहती हैं ‘’ देखिए प्लेटिनम (Platinum) मार्केट में गोल्ड या फिर किसी और मैटल्स की जगह लेने के लिए नहीं आया है। वर्ल्ड मार्केट में प्लेटिनम (Platinum) और ऐसी दूसरे मंहगे मैटल्स की अपनी एक अलग जगह है। और फिर प्लेटिनम बहुत ही रेयर मैटल है और ये पूरी दुनिया में गिनी-चुनी जगहों पर ही पाया जाता है। इस वजह से वो कभी भी गोल्ड की बराबरी नहीं कर सकता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो गोल्ड की तुलना में प्लेटिनम 30 गुना तक रेयर है। यहां तक कि वर्ल्ड में एक साल में जितने प्लेटिनम का प्रोडक्सन होता है उससे कहीं ज्यादा गोल्ड की खपत इंडिया में हर साल होती है।
Platinum
मिसेस बनर्जी बताती हैं कि ‘’ प्लेटिनम Platinum ज्वेलरी ने न सिर्फ हमारे रिटेलर्स को अपने मौजूदा कस्टमर्स को कुछ नया देने का सुनहरा अवसर दिया है बल्कि ऐसे नये कस्टमर्स बनाने का मौका भी दिया है जो प्लेटिनम ज्वेलरी खरीदने के इच्छुक हैं। यही वजह है कि एक तरफ जहां रिटेलर्स अपने मौजूदा कस्टमर्स को लगातार प्लेटिनम ज्वेलरी बेच रहे हैं , वहीं नये कस्टमर्स से भी उन्हें अच्छा –खासा बिजनेस मिल रहा है। हमारे साथ बहुत से ऐसे जवेलर्स जुडे हैं जो प्लेटिनम (Platinum) को लेकर कसटमर्स की पसंद को बहुत अच्छे से समझते हैं। इन ज्वेलर्स से हमें स्पेशल कस्टमर्स के लिए ज्वेलरी डिजायन करने में बहुत मदद मिलती है। इस समय मार्केट में प्लेटिनम (Platinum) ज्वेलरी की ग्रोथ की सारी संभावनाएं मौजूद हैं। और हम इस बात को लेकर पूरी तरह श्योर हैं कि प्लेटिनम इंडिया की ज्वेलरी इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम बनाने की ओर बहुत तेजी से बढ रहा है।‘’ वे पूरे विश्वास के साथ अपनी बात खत्म करती हैं। जैसा कि हम जानते हैं इंडियन वुमैन की भावनाएं ज्वेलरी से किस कदर जुडी होती हैं। खासतौर पर मेट्रो सिटीज में रहने वाली वुमैन्स तो जवेलरी के नये ट्रेंड और डिजायन को लेकर बहुत अवेयर रहती हैं। वे अच्छे से जानती हैं कि कौन से मौके पर कैसी ज्वेलरी पहनना चाहिए। या फिर यूं कह लीजिए की ज्वेलरी उनकी ड्रेस का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। वे चाहती हैं कि उनका स्टायल सबसे हटकर हो, जिसे हर कोई याद रखे। इसके लिए वे ज्वेरली में हमेशा नए और डिफरेंट डिजायन चाहती हैं। वे चाहती हैं कि उनकी ज्वेलरी नयी और एक्सक्लुसिव हो। ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए अच्छी बात ये है कि आज बाजार में ज्वेलरी डिजायन में एक से बढकर एक ऑप्शन मौजूद हैं और वे इनमें से अपनी पसंद के अनुसार ज्वेलरी चुन रही है।